मुहब्बत मे डूबी हुई वो तेरी नशीली आंखे...आवाज़ की वो खनक रूह मे हमारी डूबती हुई...कुछ नशा
हुआ तेरे प्यार का,कुछ गरूर हुआ अपने आप का..धरती पे चल रहे है ऐसे कि ज़िंदगी बदल रही हो
जैसे..कुछ वादे खुद से कर दिए,कुछ वादे बेहद ख़ामोशी से तुझ से भी कर दिए...तेरी यह चुप्पी अब
हम को भाने लगी है..कि इसी से ही तेरी मुहब्बत हमारे पास आने लगी है..
हुआ तेरे प्यार का,कुछ गरूर हुआ अपने आप का..धरती पे चल रहे है ऐसे कि ज़िंदगी बदल रही हो
जैसे..कुछ वादे खुद से कर दिए,कुछ वादे बेहद ख़ामोशी से तुझ से भी कर दिए...तेरी यह चुप्पी अब
हम को भाने लगी है..कि इसी से ही तेरी मुहब्बत हमारे पास आने लगी है..