Friday 5 July 2019

दोस्तों..प्यार..विरह.वेदना.इकरार और जज्बातो की मायानगरी से भरी होती है शायरी...जिस के हर रूप को पढ़ने के बाद,हर किसी को यह लगे कि यह उसी की ज़िंदगी से मिलता प्यार या इकरार का जादू है..या कभी लगे कि विरह के यह शब्द मेरे लिए ही लिखे गए है..अगर ऐसा होता है तो एक कलाकार या यू कहे एक शायरा के लिखे लफ्ज़ो का जादू आप पे चल गया..सपनो की दुनिया कभी कभी बहुत ख़ुशी और सकून भी देती है..दोस्तों...अगर आप मेरे लिखे लफ्ज़ो से कभी प्रभावित हुए हो तो इस शायरा को हौसला-अफजाई जरूर कीजिये..ताकि मैं अच्छा और अच्छा लिख सकू...आभार..शुभ रात्रि..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...