दोस्तों..प्यार..विरह.वेदना.इकरार और जज्बातो की मायानगरी से भरी होती है शायरी...जिस के हर रूप को पढ़ने के बाद,हर किसी को यह लगे कि यह उसी की ज़िंदगी से मिलता प्यार या इकरार का जादू है..या कभी लगे कि विरह के यह शब्द मेरे लिए ही लिखे गए है..अगर ऐसा होता है तो एक कलाकार या यू कहे एक शायरा के लिखे लफ्ज़ो का जादू आप पे चल गया..सपनो की दुनिया कभी कभी बहुत ख़ुशी और सकून भी देती है..दोस्तों...अगर आप मेरे लिखे लफ्ज़ो से कभी प्रभावित हुए हो तो इस शायरा को हौसला-अफजाई जरूर कीजिये..ताकि मैं अच्छा और अच्छा लिख सकू...आभार..शुभ रात्रि..
Friday, 5 July 2019
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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सादगी पे हमारी कोई फिदा हो गया--आॅखो की गहराई पे हमारी,वो कहाानिया ही लिख गया--वजूद को हमारे जाने बिना,हमारे वजूद से वो जुडता ही गया--जिन...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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लाज शर्म के बंधनो से दूर,तेरी ही दुनिया मे कदम रखने चले आए है..पाँव की जंजीरो को तोड़,लोग क्या कहे गे-इस सोच से भी बहुत दूर,तुझ से मिलने च...