Monday 8 July 2019

सोने के लिए गर रात काफी होती तो दिन मे सपने कौन देखा करता...मुहब्बत मे गर हर बार सौदा

होता तो प्यार की कीमत के लिए कौन सहारा ढूंढा करता...दौलत का नशा गर सर चढ़ कर हमेशा

बोला करता,तो प्यार की भीख लेने के लिए किसी गरीब मुहब्बत को क्यों थामा करता...सादगी ही

अक्सर सपनो को संवारा करती है..जो नन्हे सपनो मे पले उस से जयदा ख़ुद्दार यहाँ कोई हुआ नहीं

करता..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...