घुमड़ घुमड़ कर आए बादल,पानी कितना बरसा गए..भीगा तन-मन,भीगा आँचल..सारे अरमां जगा
गए..,टूटी भाषा..महकी साँसों का घोर अँधेरा..हलचल करती गहरी बाते,कड़कती बिजली से डरती वो
साँसे..सरगोशियों मे बसता इक तूफान..तू क्या जाने मैं क्या जानू,क्या कह रहा यह तूफान...पानी
बरसा रिमझिम रिमझिम,कोई बह गया इस के अंदर ले कर अपने साथी का नाम...
गए..,टूटी भाषा..महकी साँसों का घोर अँधेरा..हलचल करती गहरी बाते,कड़कती बिजली से डरती वो
साँसे..सरगोशियों मे बसता इक तूफान..तू क्या जाने मैं क्या जानू,क्या कह रहा यह तूफान...पानी
बरसा रिमझिम रिमझिम,कोई बह गया इस के अंदर ले कर अपने साथी का नाम...