बादलों का गरजना...
बरखा का जम के बरसना..
चाँद का ओझल होना...
चांदनी का उसे ढूंढ लेना..
सितारों से भरी रात...
इक सितारे का गुम होना..
तूफानी रात गुजर जाना...
दीए की लो का फिर भी जलना..
चूड़ियों का खनकना..
मगर आवाज़ का सुनाई ना देना..
अल्फाज़ो का खामोश होना..
मगर शोर हर तरफ होना..
दिल का टूट जाना..
मगर दिल को बेहद सकून मिलना...
यक़ीनन यह सब ''सरगोशियां'' मे लिखे जाना...