मुहब्बत और जन्मों का साथ देने का वादा करने वाले..आज अपनी मज़बूरी बता मुहब्बत से कोसों दूर
हो गए..हर जन्म मुझे सिर्फ तेरा ही साथ मिले,भरे मन से यह बात कहने वाले..इस जन्म मे गुफ्तगू से
ही बहुत दूर हो गए...वजह क्यों पूछे गे उन से कि हम खुद ही अपनी दुनियाँ मे ग़ुम हो गए..कुछ बातें
कुछ यादें और कुछ याद है उन्हीं के झूठे वादे...तागीद सिर्फ इतनी,अब किसी और से यह तमाम झूठे
वादे मत कीजे..सब हम से नहीं होते जो सिर्फ तेरी यादों के सहारे जीवन जी ले...