Friday 21 August 2020

 फरिश्ता ही तो था.जो हम को जीवन दे गया...रो रहे थे जब तो आंसू हमारे पोंछ गया...उदासी के घोर 


भंवर मे फंसे तो ना जाने कब आ कर तुम्ही ने थाम लिया...हर संकट मे पुकारा तुम को तो किसी और 


रूप मे आ कर हंसा दिया...रिश्ते इस दुनियां के कैसे-कैसे है,जिन से कितनी बार मन भर सा गया..


तुम्ही दुःख मे,तुम्ही लड़खड़ाते हुए मेरे कदमो की चाप मे...गणेशा मेरे,हम ने तो आप को भाई अपना 


मान लिया...राखी के धागे की लाज अब तेरे हाथ है,इस बहिना ने तेरा दामन सदा के लिए थाम लिया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...