Tuesday 18 August 2020

 मुहब्बत ने कहा मैं आबाद हू..वफ़ा बोली मेरे बिना तू सर से पांव तक बरबाद है...वफ़ा है तभी  मुहब्बत  


भी साथ है..बेवफाई मुहब्बत का दुश्मन खास है..तभी दौलत ने कदम अपना रखा...अरे मेरे बिना तुम 


दोनों का क्या वज़ूद है..मैं हू तभी तेरा प्यार तेरे साथ है..जिस रोज़ मेरा साथ छूट जाए गा उसी रोज़ तेरा 


प्यार तुझ से बहुत दूर चला जाए गा..तेरी ग़ुरबत को देख तेरा साथी और उस का प्यार छूमंतर हो जाए 


गा..कौन सा प्यार कहाँ का प्यार,वो साथी जो तुझे कभी अपनी जान कहता था..तुझ से जान अपनी छुड़ा 


दूर हो जाए गा...बहुत बहुत दूर हो जाए गा...यही इस दुनियाँ का सार है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...