मुहब्बत ने कहा मैं आबाद हू..वफ़ा बोली मेरे बिना तू सर से पांव तक बरबाद है...वफ़ा है तभी मुहब्बत
भी साथ है..बेवफाई मुहब्बत का दुश्मन खास है..तभी दौलत ने कदम अपना रखा...अरे मेरे बिना तुम
दोनों का क्या वज़ूद है..मैं हू तभी तेरा प्यार तेरे साथ है..जिस रोज़ मेरा साथ छूट जाए गा उसी रोज़ तेरा
प्यार तुझ से बहुत दूर चला जाए गा..तेरी ग़ुरबत को देख तेरा साथी और उस का प्यार छूमंतर हो जाए
गा..कौन सा प्यार कहाँ का प्यार,वो साथी जो तुझे कभी अपनी जान कहता था..तुझ से जान अपनी छुड़ा
दूर हो जाए गा...बहुत बहुत दूर हो जाए गा...यही इस दुनियाँ का सार है..