Monday 24 August 2020

 प्यार की यह खूबसूरत चादर फैली है दूर तक..कौन किस मे घुल गया कौन किस से मिल गया...किस 


को खबर है...देख आकाश मोर नाच उठा..अपने साथी संग बस बहक गया...भूल गया अपने पैरों की 


वो खलिश...प्यार कहा कब खूबसूरती का मोहताज़ होता है...वो जब जब प्यार मे होता है ,तब तब  


कमाल होता है...सूरत का प्यार से क्या वास्ता..सीरत ही तो प्यार का गहना है..राधा बेइंतिहा गोरी 


और कृष्ण कारे-कारे...फिर भी सादिया उन के प्यार को आज भी ज़िंदा रखे है...जिस ने पावन प्रेम 


का अर्थ जान लिया वो सदियों तक के लिए पाक हो गया...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...