Sunday 23 August 2020

 गर्दिश मे सितारे है आज तो क्या गम है...तू साथ नहीं मेरे तो भी यह ज़िंदगी थम के भी थमी नहीं है...


बेशक थके है यह कदम पर हौसले तो अभी भी बुलंद है...क्या हुआ जो चारों तरफ अँधेरा है..क्या हुआ 


जो सब की नज़रो मे हम इक गुनहगार है...रोए क्यों कि इरादों को कमजोर करने का अभी कोई इरादा 


ही नहीं...मंज़िल तो हासिल करनी है मुझे कि तूने मुझे गिरते हुए कभी देखा ही नहीं...यही तो सच है जो 


बार-बार ठोकर खाता है,ऊपर भी तो वही जाता है..विश्वास रख मुझ पर,बुलंदी को छू कर ही तेरे पास 


आए गे..तुझे तब नाज़ होगा मुझ पर और हम फिर साथ-साथ हो जाए गे ....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...