Saturday 22 August 2020

 गाज़ गिरी आसमां से तो देखा उस ने आसमां को..धूल भरी आंधी जो उड़ी उस ने फिर देखा उसी 


आसमां को...फिर बरसाया इसी आसमां ने जम के बरखा-पानी..उस ने मुस्कुरा के फिर देखा इसी 


आसमां को..आसमां हैरान परेशान हुआ और उस की मुस्कान से सोच मे पड़ गया..फिर आज़माई 


उस ने अगली ताकत,सूरज का तेज़ कहर बरसा दिया..वो हंसी खुल के हंसी...और बाहें अपनी फैला 


कर सूरज और आसमां को शुक्रिया कहा...''तू जो भी दे यह तेरा अंदाज़ है..पर मैं मुस्कुरा कर हमेशा 


तेरा सज़दा करू,यह भी मेरा खासे-अंदाज़ है''.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...