Thursday, 13 August 2020

 चाँद ने दी राह सूरज को तो सवेरा हो गया...सूरज ने खुद को छुपाया तो बादलों का बसेरा हो गया..यह 


बादल खूब बरसे तो आसमां निख़र निख़र गया...शाम को देने रास्ता अब यह आसमां भी धीमे धीमे से 


सरक जाए गा...फिर होगी रात तो चाँद फिर से कारे आसमां मे चमक जाए गा...सृष्टि का नियम कब 


बदलता है..फिर इंसा को क्यों लगता है,यह गम की घोर घटा छटे गी नहीं...खुद को खुदा मानना छोड़ना 


होगा तभी तो उस खुदा का बंदा हो पाए गा...देखना,यह समां फिर रंगीन हो जाए गा..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...