Thursday 20 August 2020

 वो सरकता दुपट्टा..

वो आँखों का झुकना..

वो मीठी मुस्कान..

चूड़ियों का बजना..

पलकों के किनारे सजना..

दुपट्टा होठों मे दबाना..

काजल यू ही बिख़र जाना..

ख़ुशी का आंसू आंख से आना..

बेवजह हंस देना..

पायल को खुद से बजा देना..

यू ही आसमां को देख मुस्कुरा देना..

खुश होने की कोई वजह नहीं..

पर फिर भी खुश रहना...

ज़िंदगी इसी का तो नाम है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...