Friday 14 August 2020

 नैना सुर्ख है तो क्या हुआ, यह रोए नहीं है..बस नीर बहा कर निख़र गए है..उदास नहीं है बस तुम्हे 


याद करते-करते मुस्कुराना भूल गए है..नूर चेहरे का कम हुआ है,आसमां से फरिश्तों ने तेरा पैगाम 


देना बंद जो कर दिया है...सोच रहे है इस दिल ने धड़कना क्यों छोड़ दिया है..दिमाग ने एहसास 


दिलाया,वो तो कब से तेरे पास गिरवी पड़ा है...तेरी भेजी वो नन्ही सी चिड़िया मेरे घर के आंगन मे 


रोज़ एक एक कर पंख अपने गिरा जाती है..यक़ीनन यही तेरा पैगाम है कि हमारा दिल तेरे पास 


गिरवी पड़ा है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...