नैना सुर्ख है तो क्या हुआ, यह रोए नहीं है..बस नीर बहा कर निख़र गए है..उदास नहीं है बस तुम्हे
याद करते-करते मुस्कुराना भूल गए है..नूर चेहरे का कम हुआ है,आसमां से फरिश्तों ने तेरा पैगाम
देना बंद जो कर दिया है...सोच रहे है इस दिल ने धड़कना क्यों छोड़ दिया है..दिमाग ने एहसास
दिलाया,वो तो कब से तेरे पास गिरवी पड़ा है...तेरी भेजी वो नन्ही सी चिड़िया मेरे घर के आंगन मे
रोज़ एक एक कर पंख अपने गिरा जाती है..यक़ीनन यही तेरा पैगाम है कि हमारा दिल तेरे पास
गिरवी पड़ा है...