Saturday 15 August 2020

 वो तेरा दो पहियों की गाड़ी पे मुझे मिलने आना..एक सिक्का तेरा एक सिक्का मेरा,और दुनियां के मेले 


मे ग़ुम हो जाना..चेहरे पे तेरे थी,इक निश्छल सी हंसी..जो मेरे लिए रही हमेशा करोड़ो की ख़ुशी..आज 


यह तेरी चार पहियों वाली लम्बी सी गाड़ी मगर कहां गई तेरी वो निश्छल सी हंसी...लौटा दे ना मुझे वो 


दो पहियों वाली गाड़ी और अपनी वो निश्छल सी हंसी..आ फिर से खो जाए दुनियां के उसी मेले मे,इक 


सिक्का तेरा और दूजा सिक्का भी तेरा...बस लौटा दे मुझे अपनी मासूम ख़ुशी...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...