Wednesday 25 March 2020

कोई गीत,कोई ग़ज़ल लिख ना मेरे लिए..इक अधूरी दास्ताँ हो जाए पूरी,इस जन्म के लिए..कौन जाने

गीत का कोई शब्द असर इतना कर जाए,फिर लिखे हम भी कोई ग़ज़ल और तू दीवाना हो जाए..सो

ना पाए तू  बहुत रातें और हम सकूँ से सो जाए..करवटें बदलते गुजरे तेरी रात और हम जी भर के

मुस्कुराए..अब यह मरजी तेरी है..लिखो गे हम पे कोई गीत या ग़ज़ल..या फिर तोड़ के दिल हमारा

जागो गे सारी रात भर..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...