यह धरा यह आसमां..नहीं रही इंसानो के रहने की जगह,कुदरत ने ऐसा इशारा कर दिया..जो इंसा ना
समझ सके धरा को रहने की जगह,ना ठीक से आसमां को छूना आया किसी नेक इंसा की तरह..खुद
को भगवान् समझने की भूल बार-बार करता रहा..पर भगवान् फिर भी मौके हज़ार देता रहा...दौलत के
लिए सब को पीछे छोड़ा,संस्कारो को कूड़े के डिब्बे मे डाला..बस विनाश तो आना था..भगवान् ने दिया
यह खुला साफ़ आसमां परिंदो के लिए..थोड़ा सा वक़्त इन इंसानो को दे दिया धरा पे साँसे लेने के लिए..
देखे अब कितना इस बात को इंसान समझता है..कितनो को अभी भी दुःख और देता है..
समझ सके धरा को रहने की जगह,ना ठीक से आसमां को छूना आया किसी नेक इंसा की तरह..खुद
को भगवान् समझने की भूल बार-बार करता रहा..पर भगवान् फिर भी मौके हज़ार देता रहा...दौलत के
लिए सब को पीछे छोड़ा,संस्कारो को कूड़े के डिब्बे मे डाला..बस विनाश तो आना था..भगवान् ने दिया
यह खुला साफ़ आसमां परिंदो के लिए..थोड़ा सा वक़्त इन इंसानो को दे दिया धरा पे साँसे लेने के लिए..
देखे अब कितना इस बात को इंसान समझता है..कितनो को अभी भी दुःख और देता है..