Monday 16 March 2020

चाह लेना,टूट के चाहना..प्रेम की धारा मे बेपरवाह बहते रहना..दे के ख़ुशी,दर्द सारे उस के खुद मे

समेट लेना..कोई गिला कोई शिकायत भी ना करना...कौन अमीर कौन गरीब,प्रेम का इस से क्या लेना

क्या देना..हाथों की लकीरों से परे,रूह की अपनी दुनियां बसा लेना...अपने इर्द-गिर्द महसूस करना..

जुबां कुछ ना कहे मगर फिर भी समझ सब जाना..यह सिर्फ प्रेम की दुनियां है जिस का नकली दुनियां

से कुछ नहीं लेना-देना...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...