Thursday 12 March 2020

हम बहुत तन्हा है,यह बोल कर उस ने हम को उदास कर दिया...यह ज़िंदगी क्यों कर तुम्हे तन्हा करे,

हम ज़िंदगी से ख़फ़ा हो गए..ज़िंदगी से प्यार करते है बहुत तो इस से खफा होने का हक भी पूरा रखते

है..क्यों डरे इस से कि हम इस की ताकत पे जिया करते है..मत हो तन्हा और उदास कि साथ तेरे पल

पल है..हम तो अक्सर ज़िंदगी को अपनी अंगुलियों पे नचा देते है..बेपरवाह इस से कि यह हमे दुःख

और भी दे सकती है..मुस्कुरा दे यही तो ज़िंदगी है,किसी को आना है तो किसी को जाना है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...