Monday 30 March 2020

हम ना रहे तो हम को याद जरूर करना...कभी-कभी इन पन्नो पे हम से मिलने जरूर आना..कौन

कहता है मौत के साए हवाओं मे फैले है..कौन है जो कहता है कि मौत को हम रोक पाए गे..पास ना

आना दूर बहुत दूर ही रहना..क्या मौत से तब भी बच पाओ गे...बंद दरवाजों मे भी कोई होगा ऐसा भी

जो पल-पल मौत को देख रहा होगा..कुछ अरमान रहे होंगे उस के भी..खवाबों के साथ कुछ जयदा सांसो

की उम्मीदे भी करी होगी..पर यह मौत अंदर क्या बाहर क्या...आए गी तो बस आई गी..इसीलिए तो अब

कहते है,हम ना रहे तो याद हम को जरूर करना............................................

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...