मेरे दोस्तों...आज हम हमारा देश संकट के उस दौर से गुजर रहा है,जहाँ हर कोई सेहत और ज़िंदगी की सलामती के लिए फिक्रमंद है..बार-बार यही कहा जा रहा है कि घर मे रहे..हाथ धोते रहे..मेरे दोस्तों..सब अपना अपना खूब ख्याल रखे..ईश्वर हम को स्वस्थ रखे..मेरे दोस्तों...कभी बहुत बहुत धयान से सोचिए गा कि हमारी सुरक्षा के लिए,हम को सारी जानकारियाँ देने के लिए...हमारी सेवा करने के लिए..कितने ऐसे फरिश्ते है जो घर से बाहर जाते है..इन मे डॉक्टर्स,नर्स,सफाई कर्मचारी,सुरक्षा कर्मी,मीडिया से जुड़े हज़ारो फरिश्ते,राशन-पानी देने वाले हमारे भाई,दूध और अन्य सामान की डिलीवरी देते यह डिलीवरी फरिश्ते...और भी ना जाने कितने....सच तो यही है कि यह सब इस संकट मे किसी फरिश्ते से कम नहीं...दोस्तों...हम तो घर मे है..आप सभी से हाथ जोड़ कर प्रार्थना कि इस गहन संकट की घडी मे हम सब इन तमाम फ़रिश्तो के किये सच्ची दुआ करे..वो स्वस्थ रहे,सुरक्षित रहे..यह भी किसी के बेटे/बेटियाँ,पति/पत्नी,माता-पिता है..जितनी हो सके इन सभी के लिए दुआ कीजिए...दोस्तों...दवा से कही जयदा दुआ काम आती है...यह संकट का समय शांति से गुजर जाए और सब स्वस्थ हो कर अपने अपने घर लौटे..ढेर सारी दुआए इन सभी फ़रिश्तो के लिए........दोस्तों..इस को सिर्फ पोस्ट ना समझे..बेशक कमेंट करे या ना करे..पर जितनी बार पढ़े,उन सभी फ़रिश्तो के लिए दुआ करे...प्लीज...
Thursday, 26 March 2020
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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एक अनोखी सी अदा और हम तो जैसे शहज़ादी ही बन गए..कुछ नहीं मिला फिर भी जैसे राजकुमारी किसी देश के बन गए..सपने देखे बेइंतिहा,मगर पूरे नहीं हुए....
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मौसम क्यों बरस रहा है आज...क्या तेरे गेसुओं ने इन्हे खुलने की खबर भेजी है----बादल रह रह कर दे रहे है आवाज़े, बांध ले इस ज़ुल्फो को अब कि कह...
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आहटे कभी झूट बोला नहीं करती,वो तो अक्सर रूह को आवाज़ दिया करती है...मन्नतो की गली से निकल कर,हकीकत को इक नया नाम दिया करती है...बरकत देती ...