प्यार इतना भी ना कर मुझ से कि हम इस दुनियां को अलविदा कह ना सके...इतनी हसरतें भी ना रख
कि हम तुझ से जुदा रह ना सके..पल पल हर पल तुझी को याद करना..यह कौन सी इबादत है जिस का
कोई वक़्त ही तय नहीं किया हम ने...आंखे खुली हो तब भी तू,आंखे झपके तो भी तू..आँखों के दरवाजे
बंद करे तब भी सिर्फ तू और तू ही तू...अब तो तुझी को मांग लिया मालिक से,अनंत-काल के लिए..
सोच ले अनंत-काल तक तुझे प्यार करे गे,तेरे हो कर तेरे हर गम को तब भी खुद मे समा ले गे..
कि हम तुझ से जुदा रह ना सके..पल पल हर पल तुझी को याद करना..यह कौन सी इबादत है जिस का
कोई वक़्त ही तय नहीं किया हम ने...आंखे खुली हो तब भी तू,आंखे झपके तो भी तू..आँखों के दरवाजे
बंद करे तब भी सिर्फ तू और तू ही तू...अब तो तुझी को मांग लिया मालिक से,अनंत-काल के लिए..
सोच ले अनंत-काल तक तुझे प्यार करे गे,तेरे हो कर तेरे हर गम को तब भी खुद मे समा ले गे..