बार-बार दर्द ना दे यह जीवन,हम ने सकून को धीमे से चुरा लिया..आँखों के यह कटोरे भरे ना अब आंसू
से,हम ने ख़ुशी को चुपके से इन्हीं आँखों मे बसा लिया..याद तेरी बहुत और बार बार ना आए,तेरी तस्वीर
को दिल-रूह की हर दीवार मे छुपा लिया...हम खुद के है या तेरे है,सवाल उठाया जब खुद से हम ने..
याद आया तुम-मै अलग कहां,जिस्म बेशक दो रहे मगर रूहे तो हमेशा से एक है..बसे रहो सदियों तल्क़
मुझ मे और मैं तुम मे....अनंत-काल के लिए हम ने तुम को तुम से चुरा लिया...
से,हम ने ख़ुशी को चुपके से इन्हीं आँखों मे बसा लिया..याद तेरी बहुत और बार बार ना आए,तेरी तस्वीर
को दिल-रूह की हर दीवार मे छुपा लिया...हम खुद के है या तेरे है,सवाल उठाया जब खुद से हम ने..
याद आया तुम-मै अलग कहां,जिस्म बेशक दो रहे मगर रूहे तो हमेशा से एक है..बसे रहो सदियों तल्क़
मुझ मे और मैं तुम मे....अनंत-काल के लिए हम ने तुम को तुम से चुरा लिया...