Thursday 5 March 2020

चाँद फिर आज घनेरे आसमां मे ग़ुम हो गया...यह कैसा इत्तेफाक था,जब तल्क़ देख पाते वो बादलो मे

खो गया...चाहत के नज़ारे बहुत खूबसूरत लग रहे थे,कि आया तूफान अचानक से और चाँद इक झलक

दिखा फिर ग़ुम हो गया...चांदनी का जोर चलता नहीं,फिर भी वो बेहद खामोश है..बस यह सोच कर

उदास है,यह घनेरे बादल छंटे गे कब..शायद कुछ समय की बात है..दुआओ का सिलसिला रुकता नहीं..

यह चाँद है कि चांदनी की कभी सुनता ही नहीं.. 

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...