चाँद फिर आज घनेरे आसमां मे ग़ुम हो गया...यह कैसा इत्तेफाक था,जब तल्क़ देख पाते वो बादलो मे
खो गया...चाहत के नज़ारे बहुत खूबसूरत लग रहे थे,कि आया तूफान अचानक से और चाँद इक झलक
दिखा फिर ग़ुम हो गया...चांदनी का जोर चलता नहीं,फिर भी वो बेहद खामोश है..बस यह सोच कर
उदास है,यह घनेरे बादल छंटे गे कब..शायद कुछ समय की बात है..दुआओ का सिलसिला रुकता नहीं..
यह चाँद है कि चांदनी की कभी सुनता ही नहीं..
खो गया...चाहत के नज़ारे बहुत खूबसूरत लग रहे थे,कि आया तूफान अचानक से और चाँद इक झलक
दिखा फिर ग़ुम हो गया...चांदनी का जोर चलता नहीं,फिर भी वो बेहद खामोश है..बस यह सोच कर
उदास है,यह घनेरे बादल छंटे गे कब..शायद कुछ समय की बात है..दुआओ का सिलसिला रुकता नहीं..
यह चाँद है कि चांदनी की कभी सुनता ही नहीं..