Wednesday 25 March 2020

टुकर-टुकर ना देख मुझे,इतनी गहरी नज़र से डर लगता है..मेरी साँसों की रफ़्तार ना सुन,कसम से मर

जाए गे भय लगता है..मेरी उलझी जुल्फों को अपने हाथों से जो संवार दिया..कड़के गी बिजली और

बादल बरस जाए गे...कमर की इस करधनी को ना अलग कर मुझ से,जिस्म का यह तूफ़ान बहक जाए

गा...पास आने की कोशिश भी ना कर,दूर मुझ से कभी ना फिर जा पाए गा...इरादे नेक रख अपने,सौदा

प्यार मे कब होता है..यह मेरा हो कर ही जान पाए गा...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...