Tuesday 31 March 2020

यह कलम आज रुकने को तैयार नहीं..कहती है,लिख लिख और लिखती जा..रुला दे सारे जहान को..

सिसकियों मे डुबो दे हर इंसान को..तड़प दे ऐसी कि मौत का खौफ ना याद आए..याद आए तो सिर्फ

दिल दिमाग से जुड़े लम्हे ही याद आए..कौन आया है इस संसार मे सदा रहने के लिए..कौन है जो हर

तरह से खुश है इस ज़िंदगी के साथ के लिए...बस याद रख उन बीते खुशनुमा लम्हो को,मौत के आने से

पहले खुल के जी उन बीते लम्हो को..यही तो हकीकत है,जो रूह के साथ जानी है..कोई नहीं यहाँ अपना,

तो कौन बेगाना है..अश्क आँखों मे भर और फिर मुस्कुरा..दिन जितने मिले,हम फिर कहे गे,जी ले जरा..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...