यह रात गुजरे गी कैसी कि आसमां आज खाली-खाली है..ना चाँद है ना सितारे है और चांदनी भी गम
मे डूबी-डूबी है..आंखे ना चाहते हुए भी बरस रही है आज..तेरी याद बहुत आ रही है आज..देख हमारी
हालत यह बरसात भी बरस रही है आज...रुकने को तैयार नहीं कि हमारा साथ देने को है बेक़रार..
सीने का दर्द उठा इतना गहरा कि ओले भी बरसे हमारे दर्द के साथ..दुनियां कहां समझे गी कि यह
बादलो की गड़गड़ाहट रोई है या हमारे दिल की आवाज़...
मे डूबी-डूबी है..आंखे ना चाहते हुए भी बरस रही है आज..तेरी याद बहुत आ रही है आज..देख हमारी
हालत यह बरसात भी बरस रही है आज...रुकने को तैयार नहीं कि हमारा साथ देने को है बेक़रार..
सीने का दर्द उठा इतना गहरा कि ओले भी बरसे हमारे दर्द के साथ..दुनियां कहां समझे गी कि यह
बादलो की गड़गड़ाहट रोई है या हमारे दिल की आवाज़...