Saturday 21 March 2020

सरसराहट और बेचैनी क्यों है हर तरफ हवाओं मे....कुछ चुभन कभी कांटे तो कभी डर को जन्म देती

यह हवाएं...ना डर इन की बेचैनी और चुभन से..हिम्मत ना होगी तुझ मे तो यह तुझी पे हावी हो जाए गी..

हौसला अपना बुलंद रख,यह किसी का कुछ ना बिगाड़ पाए गी...जब भी डर लगे,मालिक का हाथ थाम

लेना..कर्म अपने साफ़ रखना,दिल किसी का मत दुखाना..फिर क्या मज़ाल यह क्यों यहाँ रुक पाए गी...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...