मुहब्बत की कहानी कितनी बेजुबानी है..यहाँ कौन किस से पाक-साफ़ मुहब्बत करता है..मुहब्बत
तो तुझ से है मगर अपने साथ कितने औरों को ले कर चलता है..यक़ी इस को भी दिला दिया,यकीं
औरों को भी दिला दिया..और खुद ही खुद की तारीफ मे,अकेले मुस्कुरा दिया..वो क्या जाने,इस बीच
कोई ऐसा भी रहा जो सच्ची मुहब्बत से उस से जुड़ गया..यह रास्ते मुहब्बत के कौन से है,कोई लुट
गया तो कोई किसी के जज्बात लूट कर ले गया...
तो तुझ से है मगर अपने साथ कितने औरों को ले कर चलता है..यक़ी इस को भी दिला दिया,यकीं
औरों को भी दिला दिया..और खुद ही खुद की तारीफ मे,अकेले मुस्कुरा दिया..वो क्या जाने,इस बीच
कोई ऐसा भी रहा जो सच्ची मुहब्बत से उस से जुड़ गया..यह रास्ते मुहब्बत के कौन से है,कोई लुट
गया तो कोई किसी के जज्बात लूट कर ले गया...