ना कजरे की धार न आँखों मे कोई शृंगार..लब सिले हुए है,करने के लिए कुछ दुआ और कुछ संस्कार..
ना हाथो मे कंगन ना गले मे मोतियों का हार..फिर भी हम दुनिया मे,कितनो के लिए बन गए खुदा तो
किसी के लिए हो गए भगवान्...माँ-बाबा की दुआ मे पले इक बच्चे रहे खास...जो कह गए वो आज भी
करने से नहीं है इंकार..सादगी मन मे लिए,इस दुनिया का प्यार पा लिया..ना हम खुदा है ना ही कोई
भगवान्..बस आप जैसे ही इक इंसान है,संस्कारो की धरोहर साथ लिए मामूली से इंसान...
ना हाथो मे कंगन ना गले मे मोतियों का हार..फिर भी हम दुनिया मे,कितनो के लिए बन गए खुदा तो
किसी के लिए हो गए भगवान्...माँ-बाबा की दुआ मे पले इक बच्चे रहे खास...जो कह गए वो आज भी
करने से नहीं है इंकार..सादगी मन मे लिए,इस दुनिया का प्यार पा लिया..ना हम खुदा है ना ही कोई
भगवान्..बस आप जैसे ही इक इंसान है,संस्कारो की धरोहर साथ लिए मामूली से इंसान...