''बरसो बाद पैदा होती है तेरे जैसी दुल्हन'' तेरी इस बात को हमेशा ज़ेहन मे रखते है..इसलिए तो आज
भी तेरे लिए,बिन श्रृंगार तेरी ही दुल्हन बने फिरते है..मेरी सादगी पे तूने ना जाने कितनी नज़म लिखी..
उन की हर लय पे हम बेवजह थिरकते है आज भी..तूने कहा हम आज भी इक ग़ज़ल है,हम ने माना
और सदियों के लिए तेरी ग़ज़ल बन के,तेरी दुल्हन बन के इसी जहां मे आए है,आते ही रहे गे...
भी तेरे लिए,बिन श्रृंगार तेरी ही दुल्हन बने फिरते है..मेरी सादगी पे तूने ना जाने कितनी नज़म लिखी..
उन की हर लय पे हम बेवजह थिरकते है आज भी..तूने कहा हम आज भी इक ग़ज़ल है,हम ने माना
और सदियों के लिए तेरी ग़ज़ल बन के,तेरी दुल्हन बन के इसी जहां मे आए है,आते ही रहे गे...