यह सांसे गर मेरी उखड़ जाए कभी, तो गम ना करना..दर्द-तकलीफ से गर मैं जुदा हो जाऊ तुझ से,तो
आंख नम मत करना..इस जहाँ से गर चली जाऊ तो भी सिसकिया मत भरना...इतने बड़े जहाँ मे इंसा
कितने आते है और चले भी जाते है..यह जिस्म तो अक्सर फ़ना ही हो जाया करते है..हम तकदीर के
आगे कभी-कभी बेबस भी तो हो जाया करते है..मेहरबानियाँ ऊपर वाले की सब पे रहे,दुआ करते है..
पर हर पल के लिए खुद को तैयार रखना,यह प्यार मे हम सब को समझाया करते है..
आंख नम मत करना..इस जहाँ से गर चली जाऊ तो भी सिसकिया मत भरना...इतने बड़े जहाँ मे इंसा
कितने आते है और चले भी जाते है..यह जिस्म तो अक्सर फ़ना ही हो जाया करते है..हम तकदीर के
आगे कभी-कभी बेबस भी तो हो जाया करते है..मेहरबानियाँ ऊपर वाले की सब पे रहे,दुआ करते है..
पर हर पल के लिए खुद को तैयार रखना,यह प्यार मे हम सब को समझाया करते है..