तेरी किस याद के साथ चले...यादों का भंडार पास हमारे है...वो तेरा बेवजह मुझ से उलझना,नन्ही-नन्ही
बातो पे दिनों तक नाराज़ रहना...दो पल की दूरी भी ना सहना..मगर खुद दिनों तक मेरी नज़रो से ओझल
रहना..और वो तेरी मासूम अदा..सब पता होना मगर अनजान रहना..बस प्यार करते है तुझे,यह बोल कर
मुझे हर बार खामोश कर देना...और आज हम खामोश है,और तेरे बोलने की इंतज़ार मे है...
बातो पे दिनों तक नाराज़ रहना...दो पल की दूरी भी ना सहना..मगर खुद दिनों तक मेरी नज़रो से ओझल
रहना..और वो तेरी मासूम अदा..सब पता होना मगर अनजान रहना..बस प्यार करते है तुझे,यह बोल कर
मुझे हर बार खामोश कर देना...और आज हम खामोश है,और तेरे बोलने की इंतज़ार मे है...