Sunday 5 January 2020

वादा तो खुद से और खुदा से भी रहा कि खुशियाँ इस जहान मे देते जाए गे..खुद को भूल कर हर उस

इंसान को हंसाए गे जो ज़िंदगी के गमो को सीने से इस कदर लगाए है कि रोनी सूरत हर वक़्त बनाए

है...अपनी कामयाबी का मंज़र कुछ ऐसा देखा कि मुर्दा-दिलो को भी ज़िंदगी के मायने समझाए है..

कुदरत सब को सब कुछ तो नहीं देती,इस ख्याल से उन सब को खुद की पहचान कराते आए है..

यह बात और है,कभी कभी किसी की बेबसी से खुद भी परेशां होते आए है..हमारा काम है जीवन

देना,फिर चंद लम्हो बाद हम फिर किसी मासूम की ज़िंदगी सवारने नई राह पे निकल आए है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...