सजाया खुद का आंगन खुद की रौशनी से..और बिंदास जीते रहे..मतलबपरस्त है यह दुनियां,जान के
भी ख़ुशी ख़ुशी अपनी राह पे चलते रहे..चलना शुरू किया था अकेले,कब काफिला साथ हो लिया..
हज़ारो रो दिए हमारे आगे यह सोच कर,कि कुदरत ने हम को हर तरह से नवाज़ा है..दर्द तो हमारा
खुद का है,फिर किसी और को क्या कहते...बाँट दी कितनो को ख़ुशी और खुद तन्हा हो कर भी खुल
के हँसते रहे..आज भी खुद से बेहद प्यार करते है कि इस दुनियां मे किसी पे भी आंख बंद कर के
भरोसा नहीं करते है..
भी ख़ुशी ख़ुशी अपनी राह पे चलते रहे..चलना शुरू किया था अकेले,कब काफिला साथ हो लिया..
हज़ारो रो दिए हमारे आगे यह सोच कर,कि कुदरत ने हम को हर तरह से नवाज़ा है..दर्द तो हमारा
खुद का है,फिर किसी और को क्या कहते...बाँट दी कितनो को ख़ुशी और खुद तन्हा हो कर भी खुल
के हँसते रहे..आज भी खुद से बेहद प्यार करते है कि इस दुनियां मे किसी पे भी आंख बंद कर के
भरोसा नहीं करते है..