दुआ कबूल हुई हमारी और हम ख़ुशी से चहक चहक गए...बाबा का कहा सच हुआ,हम दूजो के
लिए फिर कुर्बान हो गए..यह कैसी दुआ दी हम ने,कि साँसे किसी की लौट आई..यू लगा जैसे किसी
की नज़रो मे हम एक फरिश्ता हो गए..धरा पे पांव रखना,बेशक ख़ज़ाने मिल जाए..बाबा की यह
नसीहत सर आँखों पे रखते आये है..गरूर क्यों करे कि उन्ही का सम्मान रखते आए है..बुरे बोल
कहने से बचते है,गर यह कही कबूल हो गए तो खुद को माफ़ कभी ना कर पाए गे..
लिए फिर कुर्बान हो गए..यह कैसी दुआ दी हम ने,कि साँसे किसी की लौट आई..यू लगा जैसे किसी
की नज़रो मे हम एक फरिश्ता हो गए..धरा पे पांव रखना,बेशक ख़ज़ाने मिल जाए..बाबा की यह
नसीहत सर आँखों पे रखते आये है..गरूर क्यों करे कि उन्ही का सम्मान रखते आए है..बुरे बोल
कहने से बचते है,गर यह कही कबूल हो गए तो खुद को माफ़ कभी ना कर पाए गे..