Monday 27 January 2020

कभी नन्हे नन्हे पगो को चलाते रहे..कभी उम्र की नाज़ुक दहलीज़ पे रहे,किशोरों को नेक सलाह देते

रहे..तो कभी जीवन की अलबेली बेला मे,नेक इंसान बनने का पाठ पढ़ाते रहे..किसी की ढलती उम्र

को इक नया आयाम देते रहे..खुशियाँ सब को मिलती रहे,इस के लिए अपने खुदा से हिम्मत बराबर

मांगते रहे..दुनियाँ ने पूछा,कैसे कर लेते है यह सब,उम्र क्या होगी आप की..हम ने हंस के कहा,सूरज

तो चमक रहा है सदियों से..सूरज के तेज़ और नूर की कोई उम्र नहीं होती...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...