बुझ रहे है चिराग मगर हम को तो रात भर जागना है..इंतज़ार करते करते भोर तक जागना है..इन
आँखों को रात होने की खबर ना होने पाए,चिरागो को ना बुझने का हुक्म सुनाना है..पलकें बेशक
भारी होती रहे,इन को भी रात भर जागने का सन्देश देना है..दिल जो इंतज़ार मे गिने गा खुद की ही
धड़कनें,पिया के लिए इस को भी तो कुछ करना है...अश्कों को ना बहने की हिदायत है,यह हुक्म
उसी ने सुनाया है..अब क्या करे,इस रात को दिन जो बनाना है...
आँखों को रात होने की खबर ना होने पाए,चिरागो को ना बुझने का हुक्म सुनाना है..पलकें बेशक
भारी होती रहे,इन को भी रात भर जागने का सन्देश देना है..दिल जो इंतज़ार मे गिने गा खुद की ही
धड़कनें,पिया के लिए इस को भी तो कुछ करना है...अश्कों को ना बहने की हिदायत है,यह हुक्म
उसी ने सुनाया है..अब क्या करे,इस रात को दिन जो बनाना है...