Thursday, 30 January 2020

 बुझ रहे है चिराग मगर हम को तो रात भर जागना है..इंतज़ार करते करते भोर तक जागना है..इन

आँखों को रात होने की खबर ना होने पाए,चिरागो को ना बुझने का हुक्म सुनाना है..पलकें बेशक

भारी होती रहे,इन को भी रात भर जागने का सन्देश देना है..दिल जो इंतज़ार मे गिने गा खुद की ही

धड़कनें,पिया के लिए इस को भी तो कुछ करना है...अश्कों को ना बहने की हिदायत है,यह हुक्म

उसी ने सुनाया है..अब क्या करे,इस रात को दिन जो बनाना है...  

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...