मुहब्बत नाम सिर्फ पिया की बाहो मे झूल जाना,यही तक नहीं..दौलत और जवानी के रहने तक ही,
मुहब्बत का नाम देना,यह भी मुहब्बत नहीं..ग़लत-सही राहो पे प्यार से थाम लेना,ना माने तो झगड़
लेना..कभी माँ की तरह डांट देना और फिर कभी इक अल्हड़ किशोरी की तरह खुद को पिया के
हवाले कर देना..कभी इक मेहबूबा की तरह इकरार कर के खुद को मेहबूब को समर्पित कर देना..
दौलत ही सब कुछ नहीं,इज़्ज़त हासिल करना है बहुत कुछ,यह समझा कर फिर पिया का हाथ थाम
लेना..शुद्ध मुहब्बत मे कही कोई सौदा नहीं होता,जो है निःस्वार्थ नाता..वही तो मुहब्बत है..
मुहब्बत का नाम देना,यह भी मुहब्बत नहीं..ग़लत-सही राहो पे प्यार से थाम लेना,ना माने तो झगड़
लेना..कभी माँ की तरह डांट देना और फिर कभी इक अल्हड़ किशोरी की तरह खुद को पिया के
हवाले कर देना..कभी इक मेहबूबा की तरह इकरार कर के खुद को मेहबूब को समर्पित कर देना..
दौलत ही सब कुछ नहीं,इज़्ज़त हासिल करना है बहुत कुछ,यह समझा कर फिर पिया का हाथ थाम
लेना..शुद्ध मुहब्बत मे कही कोई सौदा नहीं होता,जो है निःस्वार्थ नाता..वही तो मुहब्बत है..