मेरे लिखे हर लफ्ज़ को पढने के लिए...शुक्रिया..''सरगोशियां.इक प्रेम ग्रन्थ''जहा लिखा हर लफ्ज़,हर किसी को अपनी ज़िंदगी से जुड़ा लगे..लफ्ज़ जो दिलो को अंदर तक छू जाए..लफ्ज़ जो अपने ही लगे..लफ्ज़ जो खुद का प्यार लगे...दोस्तों, मेरी शायरी के साथ जुड़ने के लिए तहे-दिल से शुक्रिया..आप की अपनी शायरा,लेखिका...
Monday, 13 January 2020
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...
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सादगी पे हमारी कोई फिदा हो गया--आॅखो की गहराई पे हमारी,वो कहाानिया ही लिख गया--वजूद को हमारे जाने बिना,हमारे वजूद से वो जुडता ही गया--जिन...
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ना जुबाँ ही खुली,ना इशारा आँखों ने दिया..बात बनने के लिए साथ तेरी वफ़ा ने दिया....य़ू तो बिखरे है ज़ज्बात हज़ारो सीने मे मेरे,लिखते है लफ़्ज़ो...
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लाज शर्म के बंधनो से दूर,तेरी ही दुनिया मे कदम रखने चले आए है..पाँव की जंजीरो को तोड़,लोग क्या कहे गे-इस सोच से भी बहुत दूर,तुझ से मिलने च...