वो हल्की सी खनक मेरी बातो की..वो महकती खुशबू तेरी बातो की..कुछ तुम ने कहा,कुछ हम ने कहा..
वक़्त धीमे से दरमियां हमारे निकल गया..जाते जाते हज़ारो दिए मुहब्बत के जला कर,करीब हमें और
कर गया..सरूर है कितना इस प्यार मे,सर्द मौसम ने भी खुद हाथ बढ़ाया और गुफ्तगू के लिए रास्ता
खोल दिया..मुस्कुरा दिए वक़्त और मौसम की मेहरबानी पे,की बिन मांगे तूने हमारी झोली मे हमारा
फूल डाल दिया..
वक़्त धीमे से दरमियां हमारे निकल गया..जाते जाते हज़ारो दिए मुहब्बत के जला कर,करीब हमें और
कर गया..सरूर है कितना इस प्यार मे,सर्द मौसम ने भी खुद हाथ बढ़ाया और गुफ्तगू के लिए रास्ता
खोल दिया..मुस्कुरा दिए वक़्त और मौसम की मेहरबानी पे,की बिन मांगे तूने हमारी झोली मे हमारा
फूल डाल दिया..