कठोर खदान का कठोर है पत्थर..तराश तराश कर हीरा बनाने की कोशिश मे जारी है..मेहनत करनी
है बहुत जय्दा कि पत्थर कठोर बहुत ही जयदा है..कहां से तराशे,किस तरह तराशे..उलझन तो बहुत
जयदा है..कहते है ना,कोशिश शिद्दत से गर की जाए तो यक़ीनन रंग लाती है..फिर हम हार मान जाए,
जिस ने कोशिश करने की ठान बैठी है..पत्थर से कम तो हम भी नहीं,चोट तो हमारी भी बहुत गहरी है..
जीत तो हमारी होगी कि ज़िंदगी मे हार कभी नहीं मानी है..
है बहुत जय्दा कि पत्थर कठोर बहुत ही जयदा है..कहां से तराशे,किस तरह तराशे..उलझन तो बहुत
जयदा है..कहते है ना,कोशिश शिद्दत से गर की जाए तो यक़ीनन रंग लाती है..फिर हम हार मान जाए,
जिस ने कोशिश करने की ठान बैठी है..पत्थर से कम तो हम भी नहीं,चोट तो हमारी भी बहुत गहरी है..
जीत तो हमारी होगी कि ज़िंदगी मे हार कभी नहीं मानी है..