Saturday 4 January 2020

बाबा ने दुनियाँ मे जीने का इक नायाब पाठ पढ़ाया था...'' सूरत से जो चाहे गा तुम को,वो तुम को प्यार

सच्चा नहीं करे गा..जो समझे गा तेरे मन और रूह की कीमत,वो ही तुझे फरिश्ता समझ पाए गा..जो

भागे गा तेरी दौलत और रुतबे के पीछे,वो तुझ को कभी समझ भी ना पाए गा..बात बात मे,हर बार जो

तुम को नीचा दिखाए गा तो भला इंसान अच्छा कहा होगा..जो सच को छुपा जाये गा और तुझ को झूठ

से बहलाए गा,वो तेरी रूह का ही मज़ाक उड़ाए गा..'' बाबा ने दी इतनी आशीष कि आज भी उन की

याद भर से,हम हर तकलीफ से निकल जाते है..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...