बाबा ने दुनियाँ मे जीने का इक नायाब पाठ पढ़ाया था...'' सूरत से जो चाहे गा तुम को,वो तुम को प्यार
सच्चा नहीं करे गा..जो समझे गा तेरे मन और रूह की कीमत,वो ही तुझे फरिश्ता समझ पाए गा..जो
भागे गा तेरी दौलत और रुतबे के पीछे,वो तुझ को कभी समझ भी ना पाए गा..बात बात मे,हर बार जो
तुम को नीचा दिखाए गा तो भला इंसान अच्छा कहा होगा..जो सच को छुपा जाये गा और तुझ को झूठ
से बहलाए गा,वो तेरी रूह का ही मज़ाक उड़ाए गा..'' बाबा ने दी इतनी आशीष कि आज भी उन की
याद भर से,हम हर तकलीफ से निकल जाते है..
सच्चा नहीं करे गा..जो समझे गा तेरे मन और रूह की कीमत,वो ही तुझे फरिश्ता समझ पाए गा..जो
भागे गा तेरी दौलत और रुतबे के पीछे,वो तुझ को कभी समझ भी ना पाए गा..बात बात मे,हर बार जो
तुम को नीचा दिखाए गा तो भला इंसान अच्छा कहा होगा..जो सच को छुपा जाये गा और तुझ को झूठ
से बहलाए गा,वो तेरी रूह का ही मज़ाक उड़ाए गा..'' बाबा ने दी इतनी आशीष कि आज भी उन की
याद भर से,हम हर तकलीफ से निकल जाते है..