शहजादी नहीं है किसी भी देश के,फ़क़ीर भी नहीं किसी ख्याल से..मेहबूब है किसी के वज़ूद के..
किसी के दिल के बादशाह है,किसी के खयालो पे राज़ करते है..धड़कनों को तेज़ कर दे मेहबूब की,
नींद उड़ा दे उस की रातों की.. बुला ले उसे अपने ख्वाबो मे,कभी चले जाए मेहबूब की यादो मे..है
कमाल हम, बेमिसाल हम..तभी तो अपने मेहबूब के लायक है हम...
किसी के दिल के बादशाह है,किसी के खयालो पे राज़ करते है..धड़कनों को तेज़ कर दे मेहबूब की,
नींद उड़ा दे उस की रातों की.. बुला ले उसे अपने ख्वाबो मे,कभी चले जाए मेहबूब की यादो मे..है
कमाल हम, बेमिसाल हम..तभी तो अपने मेहबूब के लायक है हम...