लाखों चेहरे देखे हम ने,किसी मे भी तेरा अक्स ना ढूंढ पाए हम..तू एक अकेला करोड़ो मे,कुदरत का
एक नायाब तोहफा..जिस को यह कुदरत बनाती नहीं बारम्बार..हम ने तुझ को कब देखा,रूह से सीधा
तेरी रूह मे पहुंचे..जहा बसे थे तुम और हम,अनंत काल की यात्रा कर के..बने कभी इक दूजे के साथी,
तो कभी बने रूहों के साथी..चेहरे बेशक फर्क फर्क रहे,मगर रूह तो हमेशा रही पुरानी..तभी बार बार
हर जन्म शुरू और खतम हुई,इक दूजे पर यह प्रेम कहानी..
एक नायाब तोहफा..जिस को यह कुदरत बनाती नहीं बारम्बार..हम ने तुझ को कब देखा,रूह से सीधा
तेरी रूह मे पहुंचे..जहा बसे थे तुम और हम,अनंत काल की यात्रा कर के..बने कभी इक दूजे के साथी,
तो कभी बने रूहों के साथी..चेहरे बेशक फर्क फर्क रहे,मगर रूह तो हमेशा रही पुरानी..तभी बार बार
हर जन्म शुरू और खतम हुई,इक दूजे पर यह प्रेम कहानी..