Sunday, 12 January 2020

गहरी धुंध के बीच चमकती सूरज की किरणे..यू लगा जैसे सितारों की टिम टिम मे एक उजाला बिखरा

है ज़िंदगी मे हमारी..कहने को तो यह कुदरत का इक करिश्मा है,मगर खुद को इस मे डुबो कर देखा

 यह तो हमारे लिए इक नया सवेरा है..कदमो की चाप छोड़ आए है हर मोड़ पे,इस दुआ के साथ..जो

भी बाद हमारे आए इस राह पे,हमारी दुआ के घेरे मे आ जाए..बाबा कहते थे,मैं खुद इक करिश्मा हू

कुदरत का ऐसा ,जिस के लिए जो दुआ करे गे,वो पूरी होगी..इसलिए सिर्फ दुआए ही बांटते  आए है...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...