या तो झूठ बोलना छोड़ दे या तो फिर संग हमारे चल ले..तेरे झूठ की इंतिहा से अब बहुत थक गए है..
झूठ की कोई जगह नहीं होती इस प्यार मे,कितना और समझाए तुझे...पल पल जीना है या पल पल
खुद से खुद मे मरना है,ऐसी ज़िंदगी का फिर क्या करना है...सकून से जीने के लिए,इक सच बोलना
ही काफी है...झूठ के बोझ तले यह मुहब्बत कब तल्क़ साँसे ले पाए गी....तेरे लिए हर उस सच को
झेल जाए गे और हमारी मुहब्बत को कामयाब भी बना पाए गे...गुजारिश है,फिर ना कहना हम ने
पहले कुछ माँगा क्यों नहीं...
झूठ की कोई जगह नहीं होती इस प्यार मे,कितना और समझाए तुझे...पल पल जीना है या पल पल
खुद से खुद मे मरना है,ऐसी ज़िंदगी का फिर क्या करना है...सकून से जीने के लिए,इक सच बोलना
ही काफी है...झूठ के बोझ तले यह मुहब्बत कब तल्क़ साँसे ले पाए गी....तेरे लिए हर उस सच को
झेल जाए गे और हमारी मुहब्बत को कामयाब भी बना पाए गे...गुजारिश है,फिर ना कहना हम ने
पहले कुछ माँगा क्यों नहीं...