Saturday 11 January 2020

या तो झूठ बोलना छोड़ दे या तो फिर संग हमारे चल ले..तेरे झूठ की इंतिहा से अब बहुत थक गए है..

झूठ की कोई जगह नहीं होती इस प्यार मे,कितना और समझाए तुझे...पल पल जीना है या पल पल

खुद से खुद मे मरना है,ऐसी ज़िंदगी का फिर क्या करना है...सकून से जीने के लिए,इक सच बोलना

ही काफी है...झूठ के बोझ तले यह मुहब्बत कब तल्क़ साँसे ले पाए गी....तेरे लिए हर उस सच को

झेल जाए गे और हमारी मुहब्बत को कामयाब भी बना पाए गे...गुजारिश है,फिर ना कहना हम ने

पहले कुछ माँगा क्यों नहीं...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...