कुछ पूछे तो चुप है आप..किसी सवाल का जवाब क्यों नहीं आप के पास..सवाल के जवाब मे खुद इक
सवाल बन जाना,यह कौन सी अदा है जनाब..कभी कुछ पूछने पे हंस कर बात टाल देना या फिर खास
अदा से हमारी तारीफ कर के,हम को बातो मे उलझा देना..मगर भूले से भी हमारी पूछी किसी बात का
कोई सीधा जवाब कभी न देना..कब तक..हां हां..कब तक ऐसे साथ हमारे चल पाए गे..वक़्त तो ऐसा
भी बहुत जल्द आए गा,पूछते रहे गे आप बहुत कुछ मगर हम खामोश हद से जयदा हो जाए गे ..
सवाल बन जाना,यह कौन सी अदा है जनाब..कभी कुछ पूछने पे हंस कर बात टाल देना या फिर खास
अदा से हमारी तारीफ कर के,हम को बातो मे उलझा देना..मगर भूले से भी हमारी पूछी किसी बात का
कोई सीधा जवाब कभी न देना..कब तक..हां हां..कब तक ऐसे साथ हमारे चल पाए गे..वक़्त तो ऐसा
भी बहुत जल्द आए गा,पूछते रहे गे आप बहुत कुछ मगर हम खामोश हद से जयदा हो जाए गे ..