बादलों ने क्या धमाल मचाया है..यह सारा आसमां इस की धुंध से घिर आया है..मजबूरियां है इतनी कि
चाँद है आज बादलों के इस पार और चांदनी है बादलों के उस पार..खामोश रहना है दोनों को,बादलों
को अब कैसे मनाना है..कितने दिन बादलों को ऐसे रहना है,सोच चांदनी उदास है..कश्मकश मे है
चाँद भी,जानता है कि बादल चार दिन मे छट जाए गे..पास फिर होगी उस की चांदनी और अपना समां
मुबारक फिर बनाए गे...
चाँद है आज बादलों के इस पार और चांदनी है बादलों के उस पार..खामोश रहना है दोनों को,बादलों
को अब कैसे मनाना है..कितने दिन बादलों को ऐसे रहना है,सोच चांदनी उदास है..कश्मकश मे है
चाँद भी,जानता है कि बादल चार दिन मे छट जाए गे..पास फिर होगी उस की चांदनी और अपना समां
मुबारक फिर बनाए गे...