Thursday 23 January 2020

बादलों ने क्या धमाल मचाया है..यह सारा आसमां इस की धुंध से घिर आया है..मजबूरियां है इतनी कि

चाँद है आज बादलों के इस पार और चांदनी  है बादलों के उस पार..खामोश रहना है दोनों को,बादलों

को अब कैसे मनाना है..कितने दिन बादलों को ऐसे रहना है,सोच चांदनी उदास है..कश्मकश मे है

चाँद भी,जानता है कि बादल चार दिन मे छट जाए गे..पास फिर होगी उस की चांदनी और अपना समां

मुबारक फिर बनाए गे...

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...