Thursday 16 January 2020

आसमां जो बरसा है आज ज़ी भर के,साथ उस के हम भी बरस लिए ज़ी भर के..सिसकियां जितनी

भरी हम ने,उतने ही ओले जमीं पे बरसा दिए उस ने..खबर आसमां को शायद भोर से थी हमारी

उदासी की..दिन जैसे चढ़ा जितना हम रोए,यह आसमां साथ हमारे जोर से रो दिया..शांत है अब

हमारी तरह यह आसमां हमारा भी..साफ़ आसमां मे चाँद अब हम को नज़र आया है,देख उसे हम

मुस्कुरा दिए..तुझे देखे गे तभी सो पाए गे,गर आसमां फिर बरसा,हम तो बेमौत ही मर जाए गे..

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...