आसमां जो बरसा है आज ज़ी भर के,साथ उस के हम भी बरस लिए ज़ी भर के..सिसकियां जितनी
भरी हम ने,उतने ही ओले जमीं पे बरसा दिए उस ने..खबर आसमां को शायद भोर से थी हमारी
उदासी की..दिन जैसे चढ़ा जितना हम रोए,यह आसमां साथ हमारे जोर से रो दिया..शांत है अब
हमारी तरह यह आसमां हमारा भी..साफ़ आसमां मे चाँद अब हम को नज़र आया है,देख उसे हम
मुस्कुरा दिए..तुझे देखे गे तभी सो पाए गे,गर आसमां फिर बरसा,हम तो बेमौत ही मर जाए गे..
भरी हम ने,उतने ही ओले जमीं पे बरसा दिए उस ने..खबर आसमां को शायद भोर से थी हमारी
उदासी की..दिन जैसे चढ़ा जितना हम रोए,यह आसमां साथ हमारे जोर से रो दिया..शांत है अब
हमारी तरह यह आसमां हमारा भी..साफ़ आसमां मे चाँद अब हम को नज़र आया है,देख उसे हम
मुस्कुरा दिए..तुझे देखे गे तभी सो पाए गे,गर आसमां फिर बरसा,हम तो बेमौत ही मर जाए गे..